भास्कर ओरिजनल / विधायक 230, रुकने की जगह 272 के लिए, फिर हरियाली की बलि क्यों

मौजूदा विश्रामगृह और शासकीय बंगलों में विधायकों के लिए पर्याप्त जगह, सभी रहेंगे तो भी अन्य 42 के लिए जगह खाली 60 से 70 फीसदी विधायक तो साल में 300 दिन भोपाल में रहते ही नहीं


 


| भोपालराजधानी में प्रदेश के हर विधायक-मंत्री के पास सरकारी आवास है, फिर भी विधानसभा 22 एकड़ की हरियाली खत्म कर 102 नए फ्लैट बनाने जा रही है। खास बात यह है कि मौजूदा विश्रामगृह और अन्य शासकीय बंगलों में ही इतनी व्यवस्था है कि सभी 230 विधायक रह सकते हैं। इसके बाद भी 42 अन्य लोगों के लिए जगह बच जाएगी, जिसे पूर्व विधायकों को दिया जा सकता है। यह चौंकाने वाले तथ्य भास्कर पड़ताल में सामने आए हैं। 
मौजूदा क्षमता के मुताबिक 272 विधायकों के रुकने की जगह भी तब है, जबकि 230 विधायकों वाली मप्र विधानसभा के कई विधायक शासकीय आवास के अलावा भोपाल में ही अपने निजी आवासों में रहते हैं।


पिछले कुछ सालों में रिवेयरा टाउनशिप, जवाहर चौक, रचना नगर के साथ-साथ हाउसिंग बोर्ड और आवास संघ के कई प्रोजेक्ट्स में सांसद-विधायकों को आरक्षण मिला है। साफ है कि नई जगह पर नया एमएलए रेस्ट हाउस बनाने का कोई ठोस कारण नहीं है। अलबत्ता विधायकों को सुविधायुक्त आवास उपलब्ध कराने की बात है तो मौजूदा विश्रामगृह को ही अपग्रेड किया जा सकता है। इसमें 30 से 40% तक पैसा बच जाएगा। 60 से 70% विधायक साल के 365 दिन में से 300 दिन भोपाल में रहते ही नहीं। 


272 विधायक आवासों में कमरों का हिसाब-किताब
 



  • 96 फ्लैट (2बीएचके सुइट)  हर विधायक को एक। ये 24-24 की संख्या में चार पारिवारिक परिसरों में हैं।

  • 304 कमरे हर विधायक को तीन-तीन। यानी 101 विधायक रह सकते हैं। ये विश्रामगृह खंड एक, दो व तीन में स्थित हैं। 

  • 35 शासकीय बंगले : सीएम समेत सभी मंत्री जीएडी पूल से आवंटित इन बी व सी टाइप बंगलों में रहते हैं। 

  • 40 बंगले व आवास : विधानसभा पूल के हैं, ये विधायकों को भी मिलते हैं।


...और यह है विश्रामगृहों की हकीकत 
 



  •  पुराना पारिवारिक परिसर : 21 ही विधायकों को अलाॅट किए। दो फ्लैट में कांग्रेस दफ्तर है। एक फ्लैट कांग्रेस के पूर्व विधायक निशंक जैन के नाम पर है। 

  •  विधायक विश्रामगृह खंड एक : 102 कमरों में से 26 विधायकों को अलॉट किए गए हैं।

  •  विधायक विश्रामगृह खंड दो व तीन : 202 कमरे। खंड दो में 13 व तीन में 25 विधायकों को कमरे दिए गए। खंड दो में 40 कमरे खाली हैं, जो पूर्व विधायकों के लिए हैं। 10 कमरे एसी वाले हैं जिनका 500 रुपए प्रतिदिन किराया लिया जाता है। एसी कमरों के लिए मौजूदा विधायक की सिफारिश लगती है।


सिर्फ नाम के लिए ले रखे फ्लैट 


शुक्ला, पाठक और कश्यप तो रहते ही नहीं


पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला कोलार में निजी फ्लैट में रहते हैं। संजय पाठक कभी विधायक विश्रामगृह नहीं गए। नारायण त्रिपाठी और सुनील उइके भी होटल में ही रुकते हैं। एेसे विधायकों की संख्या 25 से 30 है।


राजनीतिक दलों ने दफ्तर के नाम पर लिए
पुराने पारिवारिक परिसर में कांग्रेस ने दफ्तर के नाम पर दो सुइट लिए। भाजपा ने छह कमरे कार्यालय के नाम पर ले रखे हैं। इसी तरह बसपा के भी दो कमरे हैं। तीनों दलों के शहर में बड़े-बड़े कार्यालय भी हैं।


घर विधायकों को मिले हैं, लेकिन ज्यादातर का हो रहा व्यावसायिक उपयोग



  •  विधायकों की पहली आवासीय योजना में 1980-83 के बीच जवाहर चौक पर 45 एमएलए क्वार्टर का निर्माण हुआ। आज इन बंगलों में नर्सिंग होम और हॉस्टल हैं।

  •  1990 से 1993 के बीच जवाहर चौक और डिपो चौराहे के बीच विधायकों के लिए दूसरे आवासीय परिसर का निर्माण हुआ। इनमें से भी कुछ का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है।  


राजधानी में विधायकों मिले घर, कई का हो रहा व्यावसायिक उपयोग



  •  2003 में 7 एकड़ परिसर में रिवेरा टाउन का निर्माण कराया गया, जिसमें 80 बंगले बनाए गए। इस परिसर में अधिकांश विधायकों और मंत्रियों के आवास हैं।

  •  2015-16 में रचना टॉवर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है जिसमें तीन केटेगरी में 300 आवासों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से अधिकांश बनकर तैयार हैं।

  •   ग्रीन मेडोस, सहयाद्रि परिसर, सुरूचि परिसर के साथ महादेव-कीलन देव व तुलसी टावर में भी विधायकों ने घर ले रखे हैं। ये हाउसिंग बोर्ड के साथ अन्य शासकीय संस्थाओं की स्कीमें हैं, जिनमें विधायकों-सांसदों को आरक्षण के तहत निवास मिला।



इन विधायकों ने करीबियों को रुकवाया
विधायक विश्रामगृह खंड एक में विधायक राम दांगोरे के मित्र रहते हैं। विधायक आशीष शर्मा के करीबी कक्ष में रहते हैं। इसी तरह विधायक अशोक मर्सकोले की सिफारिश पर एक व्यक्ति रह रहे हैं। विधायक संजीव उइके और विधायक सिद्धार्थ कुशवाह के नाम पर भी उनके क्षेत्र के कुछ व्यक्ति रहते हैं। विधायक राहुल सिंह के नाम पर आवंटित कक्ष में उनके मिलने वाले रहते हैं।


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